आदतें क्या हैं ? आदतों को कैसे बदलें ? आदत अच्छी हो या बुरी हो, वोह एक आदत ही है. वोह एक बटन की तरह है जिसे तुम्हारे अंदर कोई दबाता है. और तुम वही करने लग जाते हो. मतलब आप अपनी आदतों के मालिक नही हो. कोई आप से करवाए जा रहा है, और आप मशीन की तरह बस करते ही जा रहे हो. सिगरेट पीने की तलब लगी और सिगरेट सुलगा लिया, जबकि मालूम है सिगरेट नुकसान ही करेगी. टाइम पढने का है, कुछ प्रोडक्टिव काम करने का है और आप मोबाइल पर लगे हो, जबकि आपको मालूम है आप बहुत ही क़ीमती वक़्त ज़ाया कर रहे हो. कोई तुम्हारे अंदर ग़लत बटन दबाये जा रहा है और तुम कुछ नही कर पा रहे हो. इसे ख़ुद की ग़ुलामी कहते हैं, यह एक पिंजरा है, आदतों का पिंजरा है. आदत अच्छी हो या बुरी, पिंजरा सोने का हो या लोहे का, क्या फ़र्क पड़ता है. पिंजरा एक पिंजरा है. और आप उसके मालिक नहीं हो. आदतों को अपने मुताबिक करना होगा. तुम्हें अपने-आपका मालिक बनना होगा. आदतों अपने मुताबिक़ कैसे करना है? इसी सवाल का जवाब मैं आगे दूंगा. इसलिए आपको और आपके दिमाक को इस ब्लॉग के साथ रुकना होगा, न की उस अपनी पुरानी आदत की तरह जिसमें आप सिर्फ़ एक ब्लॉग से दूसरी ब्
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